घर खरीदा है? ITR भरते वक्त इन टैक्स छूट का लाभ उठाकर करें बचत!

घर खरीदा है? ITR भरते वक्त इन टैक्स छूट का लाभ उठाकर करें बचत!


घर खरीदा है? ITR भरते वक्त इन टैक्स छूट का लाभ उठाकर करें बचत!

हर भारतीय का सपना होता है अपना खुद का घर। ये सपना पूरा करने के लिए लोग सालों मेहनत करते हैं, पैसा जोड़ते हैं। लेकिन घर खरीदना सिर्फ एकमुश्त निवेश नहीं होता, बल्कि इसके साथ कई तरह के खर्चे भी जुड़े होते हैं। उन्हीं खर्चों में से एक है इनकम टैक्स।

अगर आपने हाल ही में घर खरीदा है और पहली बार ITR भरने जा रहे हैं, या पहले से ही घर मालिक हैं और टैक्स भरते समय थोड़ा कन्फ्यूजन रहता है, तो ये लेख आपके लिए बहुत काम का साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि घर खरीदार और मकान मालिक इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त किन-किन टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। साथ ही हम आपको इन छूट का दावा करने की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी देंगे।

घर खरीदारों के लिए टैक्स छूट

घर खरीदारों के लिए इनकम टैक्स में राहत देने वाली कई योजनाएं हैं। अगर आपने घर खरीदने के लिए लोन लिया है तो ये छूट आपके लिए और भी फायदेमंद साबित हो सकती हैं। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं घर खरीदारों के लिए उपलब्ध टैक्स छूट के बारे में:

1. होम लोन पर ब्याज भुगतान पर छूट (धारा 24(b))

अगर आपने घर खरीदने के लिए बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान से लोन लिया है, तो आप उस लोन पर चुके गए ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 24(b) के तहत, आप एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 2 लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान को कटौती के रूप में दिखा सकते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • ये छूट सिर्फ सेल्फ-ऑक्युपाइड (self-occupied) संपत्ति पर लागू होती है। यानी जिस मकान में आप खुद रहते हैं, उसी पर लिए गए होम लोन के ब्याज पर ये छूट मिलेगी। अगर आपने मकान को किराए पर दिया है तो ये छूट नहीं मिलेगी।
  • ये छूट पूरे वित्तीय वर्ष में दिए गए ब्याज पर मिलेगी, न कि सिर्फ एकमुश्त राशि पर।
  • अगर निर्माणाधीन मकान के लिए लोन लिया गया है, तो उस दौरान दिए गए ब्याज पर छूट का दावा नहीं किया जा सकता। ये छूट तभी मिलेगी जब मकान बनकर पूरा हो जाए और आप उसमें रहने लगें।

2. होम लोन के मूलधन पर छूट (धारा 80C)

घर खरीदारों के लिए एक और बड़ी छूट होम लोन के मूलधन पर मिलती है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत, आप एक वित्तीय वर्ष में चुके गए होम लोन के मूलधन के 1.5 लाख रुपये तक की राशि को कटौती के रूप में दिखा सकते हैं। ये छूट सिर्फ सेल्फ-ऑक्युपाइड संपत्ति पर ही लागू होती है।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • ये छूट धारा 80C के अंतर्गत आती है, जिसके तहत कई अन्य निवेश और खर्चों पर भी छूट मिलती है। इन सभी छूटों को मिलाकर अधिकतम कटौती की सीमा 1.5 लाख रुपये ही है।
  • ये छूट पूरे वित्तीय वर्ष में चुके गए मूलधन पर मिलेगी, न कि सिर्फ एकमुश्त राशि पर।
  • निर्माणाधीन मकान के लिए लिए गए लोन के मूलधन पर भी ये छूट नहीं मिलेगी। ये छूट तभी मिलेगी जब मकान बनकर पूरा हो जाए।

3. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर छूट (धारा 80C)

घर खरीदते समय आपको स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होता है। ये दोनों शुल्क काफी ज्यादा हो सकते हैं, लेकिन इन पर भी आपको इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत, आप स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क मिलाकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि को कटौती के रूप में दिखा सकते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • ये छूट भी सेल्फ-ऑक्युपाइड संपत्ति पर ही लागू होती है।
  • ये छूट धारा 80C के अंतर्गत आती है, जिसका मतलब है कि आपको इस 1.5 लाख की सीमा में होम लोन के मूलधन को भी शामिल करना होगा।
  • ये छूट सिर्फ उसी वित्तीय वर्ष में मिलेगी जिस वित्तीय वर्ष में आपने स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान किया है।

4. संयुक्त होम लोन पर टैक्स छूट

अगर आपने घर खरीदने के लिए किसी रिश्तेदार या साथी के साथ संयुक्त रूप से होम लोन लिया है, तो आप दोनों अलग-अलग इन टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। लेकिन, ये छूट उसी अनुपात में मिलेगी जिस अनुपात में आपने होम लोन लिया है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 50:50 के अनुपात में लोन लिया है, तो आप दोनों को ही होम लोन के ब्याज और मूलधन पर अधिकतम 1 लाख रुपयेずつ की छूट मिलेगी।

मकान मालिकों के लिए टैक्स छूट

अगर आपने अपना घर किराए पर दिया है तो आप भी इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त कुछ खास छूट का फायदा उठा सकते हैं।

1. मकान से हुई किराए की आय पर छूट (धारा 24(a))

आपको अपने मकान से हुई किराए की आय को अपनी कुल आय में शामिल करना होता है, लेकिन इस पर कुछ खर्चों को कटौती के रूप में दिखाकर आप अपनी टैक्स देयता को घटा सकते हैं। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 24(a) के तहत, आप निम्नलिखित खर्चों को कटौती के रूप में दिखा सकते हैं:

  • गृह कर (Municipal Tax): आप अपने मकान पर दिए गए गृह कर को पूरी तरह से कटौती के रूप में दिखा सकते हैं।
  • मरम्मत और रख-रखाव (Repairs and Maintenance): मकान की मरम्मत और रख-रखाव पर किए गए खर्चों को भी आप एक सीमा तक कटौती के रूप में दिखा सकते हैं। ये सीमा किराए की आय के 40% के बराबर होती है।
  • ब्याज (Interest): अगर आपने मकान खरीदने के लिए लोन लिया है और वो मकान अब आपने किराए पर दिया है, तो आप उस लोन पर चुके गए ब्याज को भी कटौती के रूप में दिखा सकते हैं। लेकिन ध्यान दें कि ये छूट सिर्फ उसी वित्तीय वर्ष में मिलेगी जिस वित्तीय वर्ष में आपने किराया कमाया है।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • आप सिर्फ वास्तविक खर्चों को ही कटौती के रूप में दिखा सकते हैं। इन खर्चों के बिल और रसीदें संभाल कर रखें।
  • अगर आपका किराया आपकी कटौती योग्य खर्चों से कम है, तो आपको किसी भी तरह की छूट नहीं मिलेगी।

2. नगर निगम कर पर छूट (धारा 24(a) में ही शामिल)

आपको ऊपर बताए गए गृह कर के अलावा नगर निगम को कुछ अन्य शुल्क भी देने पड़ सकते हैं, जैसे पानी का बिल, सीवरेज का चार्ज आदि। इन सभी खर्चों को आप आयकर अधिनियम 1961 की धारा 24(a) के तहत ही कटौती के रूप में दिखा सकते हैं। हालाँकि, इन सभी खर्चों को मिलाकर कटौती की अधिकतम सीमा वही 40% ही है, जो मकान की मरम्मत और रख-रखाव पर किए गए खर्चों के लिए बताई गई थी।

3. खाली पड़े मकान पर टैक्स छूट

अगर आपका मकान किसी कारणवश खाली पड़ा है और आपको उस दौरान कोई किराया नहीं मिला है, तो भी आप उस पर कुछ खास परिस्थिति में टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। आप उस दौरान दिए गए गृह कर और नगर निगम के अन्य शुल्कों को कटौती के रूप में दिखा सकते हैं, लेकिन ये छूट तभी मिलेगी जब ये खर्च आपके किराए से होने वाली आय (जो इस मामले में शून्य है) से अधिक हो।

स्वामित्व (Joint Ownership) में प्राप्त किराया

अगर आपने किसी रिश्तेदार या साथी के साथ संयुक्त रूप से मकान खरीदा है और उसे किराए पर दिया है, तो आपको किराए की आय और उस पर किए गए खर्चों को उसी अनुपात में बांटना होगा, जिस अनुपात में आपने मकान खरीदा था। उदाहरण के लिए, अगर आपने 50:50 के अनुपात में मकान खरीदा है, तो आपको किराए की आधी आय और उस पर किए गए आधे खर्च अपने ITR में दिखाने होंगे।

टैक्स छूट का दावा करने के लिए जरूरी दस्तावेज

इन टैक्स छूट का दावा करने के लिए आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए:

  • होम लोन के दस्तावेज (घर खरीदारों के लिए)
  • स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की रसीदें (घर खरीदारों के लिए)
  • किराए की रसीदें (मकान मालिकों के लिए)
  • गृह कर और नगर निगम के अन्य शुल्कों की रसीदें
  • मकान से जुड़े अन्य दस्तावेज (जरूरत के अनुसार)

निष्कर्ष

घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसके साथ जुड़े टैक्स के बोझ को कम किया जा सकता है। ये लेख आपको यह समझने में मदद करेगा कि आप घर खरीदार या मकान मालिक के तौर पर किन टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।

हालाँकि, ये लेख सिर्फ आपको सामान्य जानकारी देने के लिए है। अपने विशिष्ट परिस्थिति के हिसाब से सटीक जानकारी और सलाह के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट से संपर्क करना हमेशा अच्छा रहता है।

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